सोचने में आवश्यक समय देना कितना जरुरी

मस्तिष्क के विभिन्न हिस्सों की भूमिका और उनके प्रभाव को समझना यह बताता है कि क्यों प्रत्येक सोचने की प्रक्रिया पर उचित समय देना सीखने और गहन समझ के लिए महत्वपूर्ण है। हमारे मस्तिष्क के दो प्रमुख हिस्से जो इस प्रक्रिया में मुख्य भूमिका निभाते हैं, वे हैं:

  1. एमिग्डाला (Amygdala): यह मस्तिष्क का वह हिस्सा है जो हमारी भावनाओं, विशेषकर डर और चिंता, को नियंत्रित करता है। जब हम तनावग्रस्त या अत्यधिक चिंतित होते हैं, तो एमिग्डाला सक्रिय हो जाता है और हमारी सोचने की क्षमता (विशेषकर उच्च स्तरीय तर्क और समस्या समाधान) को प्रभावित करता है। इसे ‘एमिग्डाला हाईजैक’ भी कहा जाता है, जहां यह मस्तिष्क के अधिक तर्कशील हिस्सों को ‘ओवरपावर’ कर देता है।
  2. प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स (Prefrontal Cortex): यह हिस्सा हमारे मस्तिष्क का तर्कसंगत और विचारशील भाग है। यह निर्णय लेने, ध्यान केंद्रित करने, और जटिल समस्याओं को हल करने में मदद करता है।

सोचने के लिए समय देने का महत्व:

जब हम किसी विषय या समस्या पर सोचने के लिए उचित समय देते हैं, तो हम प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स को सक्रिय करने की अनुमति देते हैं। इससे हमें शांत और एकाग्रचित्त रहकर सोचने का अवसर मिलता है। यदि हम जल्दी या तनाव में होते हैं, तो एमिग्डाला सक्रिय हो जाता है, जिससे हमारी सोचने की क्षमता कम हो जाती है। यह स्थिति सीखने और नई जानकारी को समझने के लिए बाधा बन सकती है।

क्यों उचित समय देना आवश्यक है?

  1. भावनात्मक संतुलन: जब हम सोचने के लिए समय निकालते हैं, तो यह हमें भावनात्मक रूप से स्थिर रहने में मदद करता है। इससे एमिग्डाला के ‘हाईजैक’ को रोकने में मदद मिलती है और प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स को अधिक प्रभावी ढंग से काम करने का मौका मिलता है।
  2. गहरी समझ: जब हम हर विषय पर सोचने के लिए समय देते हैं, तो हमारा मस्तिष्क उसे बेहतर तरीके से प्रोसेस कर पाता है। इससे सीखने की गुणवत्ता बढ़ती है और हम उस जानकारी को दीर्घकालिक स्मृति में स्थानांतरित कर पाते हैं।
  3. तनाव से बचाव: उचित समय देकर सोचने से तनाव कम होता है, क्योंकि हम समस्याओं को बेहतर तरीके से देख सकते हैं और उनके समाधान पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।

कैसे लागू करें:

  • सोचने की रणनीतियाँ: ध्यान (meditation), गहरी साँसें लेना, और एक शांत वातावरण में बैठकर सोचने की प्रक्रिया।
  • ब्रेक लेना: पढ़ाई या गहन सोच के बीच ब्रेक लेने से मस्तिष्क को आराम मिलता है, जिससे एमिग्डाला शांत होता है और प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स सक्रिय रहता है।
  • कार्य योजना बनाना: अपनी सोच को चरणों में विभाजित करें और हर चरण पर ध्यान देने के लिए समय दें।

निष्कर्ष:

उचित समय देकर सोचने से हम अपने मस्तिष्क के तर्कसंगत हिस्से को सक्रिय कर सकते हैं और एमिग्डाला द्वारा उत्पन्न होने वाली भावनात्मक प्रतिक्रियाओं से बच सकते हैं। इससे सीखने की प्रक्रिया अधिक प्रभावी हो जाती है और हम नए विषयों को बेहतर तरीके से समझ पाते हैं।

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