रीपीटेशन मेथड (दोहराव की विधि) एक प्रभावी तकनीक है जिसका उपयोग हम अपनी याददाश्त को मजबूत करने और नए सीखे हुए ज्ञान को लंबे समय तक बनाए रखने के लिए करते हैं। यह विधि ‘भूलने की वक्र’ (Forgetting Curve) के सिद्धांत पर आधारित है, जिसे जर्मन मनोवैज्ञानिक हरमन एब्बिंघॉस ने विकसित किया था। एब्बिंघॉस के अनुसार, यदि हम किसी नई जानकारी को दोहराते नहीं हैं, तो हम कुछ समय बाद उसे भूल जाते हैं। दोहराव की विधि के साथ हम इस वक्र का मुकाबला कर सकते हैं।
रीपीटेशन मेथड का उपयोग कैसे करें?
- स्पेस्ड रिपीटिशन: जानकारी को समय-समय पर दोहराना। उदाहरण के लिए, अगर आप किसी नए टॉपिक को पढ़ते हैं, तो उसे अगले दिन, फिर तीन दिनों के बाद, एक सप्ताह के बाद, और एक महीने के बाद दोहराएं। इस तरह से पुनरावृत्ति करने से आपका ज्ञान दीर्घकालिक स्मृति में बदल जाएगा।
- प्रैक्टिस टेस्ट्स: अपने ज्ञान की जांच के लिए अभ्यास परीक्षणों का उपयोग करें। यह सुनिश्चित करता है कि आप न केवल जानकारी को दोहरा रहे हैं, बल्कि उसे सक्रिय रूप से याद करने की कोशिश कर रहे हैं।
- फ्लैशकार्ड्स का उपयोग: फ्लैशकार्ड्स एक सरल और प्रभावी तरीका है स्पेस्ड रिपीटिशन का। आप ऐसे ऐप्स का उपयोग कर सकते हैं जैसे कि Anki, जो आपकी दोहराव की आवृत्ति को अपने आप निर्धारित करता है।
उदाहरण:
मान लीजिए कि आप एक नई भाषा सीख रहे हैं, जैसे कि फ्रेंच। अगर आपने सोमवार को 20 नए शब्द सीखे हैं, तो आपकी योजना इस प्रकार हो सकती है:
- मंगलवार: 20 शब्दों की पुनरावृत्ति।
- शुक्रवार: फिर से उन शब्दों की समीक्षा।
- अगले सोमवार: सभी 20 शब्दों की दोहराव।
- एक महीने बाद: एक बार और सभी शब्दों की पुनरावृत्ति।
इस तरह की योजना के साथ, आपका मस्तिष्क धीरे-धीरे इन शब्दों को लंबे समय तक याद रखने में सक्षम हो जाएगा।
वैज्ञानिक शोध और लिंक:
- भूलने की वक्र (Ebbinghaus’s Forgetting Curve): भूलने की वक्र पर शोध इस बात की पुष्टि करता है कि जानकारी की पुनरावृत्ति याददाश्त को सुधारने में सहायक होती है।
- स्पेस्ड रिपीटिशन पर अध्ययन: Spaced Repetition Research में पाया गया कि यह विधि दीर्घकालिक स्मृति को मजबूत करने में बेहद प्रभावी है।
रीपीटिशन मेथड का सही उपयोग करके आप अपने सीखने के अनुभव को अधिक प्रभावी बना सकते हैं और नई जानकारी को लंबे समय तक बनाए रख सकते हैं।