डिजिटल साक्षरता: शिक्षा की खाई को पाटने का माध्यम
डिजिटल युग में, तकनीकी शिक्षा और डिजिटल साक्षरता का महत्व दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है। जहां एक ओर शहरों में लोग आधुनिक तकनीकों और डिजिटल उपकरणों का उपयोग कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर ग्रामीण और वंचित क्षेत्रों में डिजिटल शिक्षा की पहुंच सीमित है। इस असमानता को खत्म करने के लिए भारतीय सरकार, राज्य सरकारें, और अन्य संस्थाएं डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण पहल कर रही हैं।
इस ब्लॉग में हम राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर चल रही डिजिटल साक्षरता पहलों पर चर्चा करेंगे और यह भी समझेंगे कि इसे और कैसे सुधारा जा सकता है।
डिजिटल साक्षरता क्या है?
डिजिटल साक्षरता का मतलब है कंप्यूटर, स्मार्टफोन, और इंटरनेट जैसी तकनीकों का सही उपयोग करना, इनसे जुड़ी जानकारी को समझना और उसका लाभ उठाना। यह कौशल न केवल व्यक्तिगत विकास के लिए जरूरी है, बल्कि समाज और देश के समग्र विकास में भी योगदान देता है।
भारत सरकार की डिजिटल साक्षरता पहल
1. डिजिटल इंडिया अभियान (Digital India Mission)
डिजिटल इंडिया अभियान का उद्देश्य भारत को एक डिजिटल रूप से सशक्त समाज और ज्ञान अर्थव्यवस्था में बदलना है।
- इंटरनेट पहुंच: ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में तेज़ और सस्ता इंटरनेट उपलब्ध कराना।
- ई-शिक्षा (e-Education): छात्रों और शिक्षकों को डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से शिक्षित करना।
- डिजिटल बुनियादी ढांचे का विकास: डिजिटल सेवाओं तक आसान पहुंच प्रदान करना।
2. प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान (PMGDISHA)
यह अभियान ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए चलाया जा रहा है।
- लक्ष्य: 6 करोड़ ग्रामीण घरों को डिजिटल रूप से साक्षर बनाना।
- प्रशिक्षण: कंप्यूटर उपयोग, डिजिटल भुगतान, इंटरनेट सर्चिंग, और सरकारी सेवाओं तक पहुंच।
3. स्वयं (SWAYAM)
स्वयं एक ऑनलाइन पोर्टल है जो छात्रों और शिक्षकों के लिए मुफ्त और सशुल्क कोर्स उपलब्ध कराता है।
- लाभ: स्कूल से लेकर विश्वविद्यालय स्तर तक के कोर्स।
- भाषा विकल्प: क्षेत्रीय भाषाओं में भी सामग्री उपलब्ध।
- वीडियो लेक्चर: छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाली शैक्षिक सामग्री।
राज्य स्तर पर चल रही डिजिटल साक्षरता पहलें
1. केरल: डिजिटल साक्षरता में अग्रणी राज्य
केरल सरकार ने डिजिटल शिक्षा और साक्षरता में उल्लेखनीय प्रगति की है।
- अक्षय केंद्र (Akshaya Centres): राज्य भर में ये केंद्र नागरिकों को कंप्यूटर प्रशिक्षण और डिजिटल सेवाएं प्रदान करते हैं।
- हाय-टेक कक्षाएं (Hi-Tech Classrooms): सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम की स्थापना।
- किशोरों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम: डिजिटल कौशल में विशेषज्ञता के लिए विशेष कोर्स।
2. राजस्थान: राजनेट और ई-मित्र परियोजना
- राजनेट: राजस्थान सरकार ने सभी पंचायतों को हाई-स्पीड इंटरनेट से जोड़ने के लिए यह परियोजना शुरू की है।
- ई-मित्र: डिजिटल सेवाओं के लिए यह एक केंद्रित प्लेटफॉर्म है जो शैक्षणिक और सरकारी सेवाओं तक पहुंच प्रदान करता है।
3. कर्नाटक: मोबाइल आईटी साक्षरता अभियान (MITLA)
- कर्नाटक सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में मोबाइल वैन के माध्यम से डिजिटल शिक्षा प्रदान करने की पहल की है।
- नागरिकों को डिजिटल भुगतान, ऑनलाइन सेवाएं, और कंप्यूटर उपयोग का प्रशिक्षण दिया जाता है।
4. महाराष्ट्र: ई-शिक्षा प्लेटफ़ॉर्म
- महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के स्कूलों में डिजिटल उपकरणों की स्थापना की है।
- ऑनलाइन कक्षाओं और शिक्षण सामग्री के लिए महाजाल परियोजना।
5. उत्तर प्रदेश: डिजी शक्ति अभियान
- गरीब और वंचित छात्रों के लिए मुफ्त टैबलेट और स्मार्टफोन वितरित किए जा रहे हैं।
- ग्रामीण महिलाओं और बच्चों के लिए विशेष प्रशिक्षण शिविर।
6. तमिलनाडु: ICT @ Schools Project
- सभी सरकारी स्कूलों में आईसीटी (Information and Communication Technology) लैब की स्थापना।
- स्कूल के शिक्षकों को डिजिटल उपकरणों का उपयोग सिखाने के लिए प्रशिक्षण।
डिजिटल साक्षरता में सुधार के लिए कदम
1. ग्रामीण क्षेत्रों पर ध्यान
- ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट की गति और कनेक्टिविटी में सुधार।
- स्थानीय भाषाओं में डिजिटल सामग्री उपलब्ध कराना।
2. डिजिटल उपकरणों की सुलभता
- कम आय वाले परिवारों के लिए सस्ते स्मार्टफोन और कंप्यूटर प्रदान करना।
- डिजिटल कीओस्क और सामुदायिक केंद्रों की स्थापना।
3. डिजिटल जागरूकता कार्यक्रम
- स्कूलों और कॉलेजों में डिजिटल साक्षरता अभियान चलाना।
- छोटे व्यवसायों और किसानों को डिजिटल उपकरणों का उपयोग सिखाना।
4. सहयोगात्मक प्रयास
- निजी और सरकारी संस्थानों के बीच सहयोग बढ़ाना।
- शैक्षिक टीवी प्रोग्राम और लाइव लेक्चर जैसे साधनों को बढ़ावा देना।
5. व्हाट्सएप एकेडमी और सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग
- जेन्युइन व्हाट्सएप एकेडमी बनाना, जहां पाठ्यक्रम, नोट्स और अभ्यास प्रश्न व्हाट्सएप के माध्यम से साझा किए जाएं।
- फेसबुक और यूट्यूब जैसे प्लेटफ़ॉर्म पर लाइव क्लासेस और शैक्षिक सामग्री उपलब्ध कराना।
निष्कर्ष
डिजिटल साक्षरता केवल एक कौशल नहीं, बल्कि सामाजिक समानता का माध्यम है। भारत सरकार, राज्य सरकारें, और अन्य संगठन इस दिशा में उत्कृष्ट कार्य कर रहे हैं। इन पहलों से शिक्षा की खाई को पाटने और नागरिकों को सशक्त बनाने में मदद मिल रही है।
“डिजिटल साक्षरता के साथ, शिक्षा का भविष्य उज्ज्वल और सभी के लिए सुलभ है।”
हमें इन पहलों को और प्रभावी बनाने के लिए मिलकर प्रयास करना चाहिए।